गुरुवार, 14 अगस्त 2008

मैं उपदेश

समय के साथ दुर्गति देखनी है तो मेरी देखिये! मैं उपदेश हूँ. एक शब्द.
आप कहेंगे शब्द की क्या दुर्गति. मैं शब्द मात्र ही नहीं हूँ. एक भावना का परिचायक हूँ. जन कल्याण की भावना. यही मेरी दुर्गति का कारण है.

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